Kya Ap Jante Hai Apke Har Gunah par 8 Gawah

क्या आप जानते है आपके हर गुनाह पर 8 गवाह है

अस्सलाम वालेकुम हजरत Kya Ap Jante Hai Apke Har Gunah par 8 Gawah। और गुनाह इंसान की आदतों में हो गए है। आदत इसलिए क्यों की इंसान को पता होने के बाद भी इंसान उस चीज को करने से डर नही रहा है।

हर इंसान जो पैदा होके जिंदगी जी रहा है। वो गुनाहगार है। सभी से गुनाह होते है। क्यों की शैतान ने कसम खाई है। की इंसान को ता कयामत तक गुमराह करता रहूंगा। आज हम आप से उन चीजों के बारे में बात करने वाले है हजरत जो कयामत के दिन गवाही देंगे हमारे हर गुनाहों पर।

Kya Ap Jante Hai Apke Har Gunah par 8 Gawah
Kya Ap Jante Hai Apke Har Gunah par 8 Gawah

1. जगह

सुरा / आयात :– सुरा अल जिल जाल 5,6

अल्लाह पाक सुरा अल जिल जाल आयात। नं 5 और 6 में फरमाता है की हर वो जगह जहा तुम गुनाह करते हो या करने वाले हो या दुनिया मे रहके कारोंगे याद रख लो ए आदम की नस्लों वो हर जगह हमे आकर गवाही देने वाली है।

हमने कयामत का दिन मुकर्रर कर दिया है। और जिस दिन सभी का हिसाब भी होने वाला है। और हम उन दिन तुम्हारे जन्नती और जहानमि होने का तय करेंगे। और उस अदालत में हर बेगुनाह को इंसाफ भी मिलेगा।

हम हर चीज की गवाही लेंगे और वो जगह जहा तुमने गुनाह किया वो खुद भी आयेंगी गवाही देने के लिए। वो चीख के कहेंगी की ये कितना गुनाहगार है। और अल्लाह से दरखास्त करेंगी की इसने मुझ पर गुनाह किया है इसे जहानम की आग नसीब कर ए मालिक। अस्तगफीरुलाह

2. दिन

सुरा / आयात :– अल बुरुज 3

अल्लाह पाक सुरा अल बुरुज आयात नं 3 में फरमाता है की जो शक्स गुनाह करेंगा जिस दिन करेंगे कयामत के दिन वो दिन जब उसने गुनाह किया है वो दिन चिख कर कहेगा की या अल्लाह पाक ये बड़ा गुनाहगार है। और उस इंसान के लिए जहान्नम की दुआ करेगा। अस्तगफीरुलाह।

3.जो गुनाह किया उसकी जुबान

सुरा / आयात :– अल नूर 24

अल्लाह पाक कुरान की सूरत अल नूर आयात नो 24 में फरमाता है।  हम कयामत के दिन तुम्हारे हिसाब के लिए तुम्हारे गुनाह की जुबान से तुम्हारे गुनाह की गवाई मांगेंगे। और वो गवाह होंगा तुम्हारे गुनाह का।

यानी इसका मतलब ये होंगा की अल्लाह के ताकत इतनी बड़ी है की तुम्हारा गुनाह खुद कहेगा। की तुम कितने बड़े गुनाहगार हो। फिर कहा से बचोंगे ये आदम कि औलादों। अस्तगफीरुलाह

4. इंसान का जिस्म

सुरा / आयात :– अल यासीन 25

अल्लाह पाक कुरान की सूरत अल यासीन में आयात 25 में फरमाता है की हम तुम्हारे जिस्म से भी पूछेंगे की तुमने क्या गुनाह किया है। अगर तुमने आंखो से जीना किया तो आंखे बोल उठेंगी। हाथों से किया तो हाथ बोल उठेंगे। अगर पैरो से किया तो पैर बोल उठेंगे।

अगर मुंह से गुनाह किया तो मुंह बोल उठेंगे। कान से सुन कर गुनाह किया तो कान बोल उठेंगे। हर वो चीज जिस से गुनाह हुआ है वो कयामत के दिन बोल उठेंगे को ए अल्लाह इसने मुझसे गुनाह किया है। इस पर जहान्नुम फर्ज कर दे। अस्तगफीरुलाह

5.फरिश्ते जो हमारी निगरानी करते है वो

सुरा / आयात :– अल इंफितार 12

अल्लाह पाक ने फरिश्तों को भी बनाया। और हम उन्हे नही देख सकते। हमारी आंखों पर ऐसा पर्दा है की हम उन्हे नहीं देख सकते है। पर वो हमे देख सकते है।

अल्लाह फरमाता है तुम्हारे दाएं और बाएं दोनो तरफ हमने फरिश्ते रखे है। एक तुम्हारी नेकी लिखेंगे। एक तुम्हारे गुनाह लिखेगा।

वो दोनो गवाई देंगे मैदान मेहशर में तुम्हारे हिसाब के वक्त। वो बताएंगे की या अल्लाह ये जीनाह करता था। ये चोरी करता था। ये नमाज छोड़ता था। ये गुनाह करता था। हमे शर्म आती थी मौला पर ये गुनाहों में शर्म नही करता। इसके अजाब से हमारी जान घबराती थी। पर ये न डरता।

हम तो मजबूर थे हमारे फर्ज के आगे मौला तेरा दिया हुआ काम था मालिक वरना हम इसके रोक देते। अस्तगफीरुलाह

6. हमारी खुद की जुबान

सुरा / आयात :– अल काफ 49

अल्लाह पाक ने कुरान में सुरा अल काफ में आयात न 49 में फरमाया की हम तुम्हारी जुबान की भी गंवाई लेंगे। वो कहेंगी ये अल्लाह पाक ये मुझसे बुरी बाते करता था। मैं बेबस थी। अक्सर मुझसे गाली बकता। मुझसे ऐसे अल्फाज निकालता की मैं बरदाश्त न कर पाती। ये मेरा गुनाहगार है मौला।

ये मुझसे लोगो का दिल दुखाया करता। फिर हसा करता। लोगो को रुलाया करता। मां बाप को गाली बकता। मैं लड़खड़ा जाती। पर ये न रुकता। बोलता रहेता मौला। अस्तगफीरुलाह

7. आप सल्लालाहू आलय ही वा सल्लम

सुरा / आयात :– अल निसा 41

कुरान अल निसा आयात 41 में फरमाता है की अल्लाह पाक तुम्हारे नबी से भी गवाई लेगा।

अल्लाह फरमाता है की जब तुम गुनाह करते हो तो तुम्हारे नबी जिस पर तुम्हारा ईमान है। हु म उनसे भी गवाही लेंगे की बताओ मेरे नबियों की ये क्या क्या किया करता है। हर एक बात पूरी तरीके से पूछी जाएंगी।

8. हमारा रब–बे–करीम खुद


सुरा / आयात :– अल युनुस 61

कुरान अपने सूरज अल युनुस की आयात 61 में फरमाता है। की सबसे बड़ा गवाह तो रब है। तुम किसी की भी गवाई नही झूठला सकोगे। और रबे करीम खुद भी गवाही देंगा की हमारे गुनाह कितने है।

इसलिए प्यारे मुस्लिम भाईयो हर गुनाह पर गवाह है। और ये गवाह कोई छोटे मोटे नहीं है हज़रत गवाह इतने पक्के है। की जूठलाना नामुमकिन है। ये गुनाह छुपाए नहीं जा सकते। मिटाए नही जा सकते। तौबा कर लिया करो

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