Konse Se Hai Islam me 4 Sabse Bade Gunah Hai

कौन से है इस्लाम मे 4 सबसे बड़े गुनाह

 अस-सलामु अलैकुम दोस्तो हम इंसान गुनाह पानी जैसे बहाते है। वैसे ही अक्सर इंसान गुनाह भी करता है। जिस की तादाद बेहद है। कुछ अल्लाह से माफी मांग लेते है और कुछ को फर्क नही पड़ता। इसलिए आज हम लाए है आपके लिए ये पोस्ट Konse Se Hai Islam me 4 Sabse Bade Gunah Hai

अल्लाह रहीम है पर अल्लाह कहर भी ढाने वाला है। अल्लाह ने कुछ गुनाह को बड़े गुनाह बताए है कुरान शरीफ में। जिसका करना माफ़ी के काबिल नही है। इसकी कोई माफी नही है। ऐसा नहीं है तुम वो गुनाह कारोंगे तो जल या मार जाने वाले हो।

अल्लाह ने हम सबको दुनिया मे अजाब तो इस चीज का नहीं दिया है। लेकिन कयामत के दिन तो हमे जवाब देना हैना दोस्तों। आल्हा हमे तुरन कुछ नहीं बोलत इशारे करवाता तो है। पर इसका जवाब तो कल देना है ना।

आज हम वही दुनिया के चार बड़े गुनाहों की बात करने वाले है। जिसे अल्लाह नापसंद तो बोहोत करता है। पर इसका अजाब तो कयामत वाले दिन दिया जाने वाले है।

Konse Se Hai Islam me 4 Sabse Bade Gunah Hai
Konse Se Hai Islam me 4 Sabse Bade Gunah Hai

1. कत्ल करना

हर वो इंसान जो गुस्सा जलन तकलीफ या कोई और वजह से किसी दूसरे इंसान से बैत रख ले। और फिर किसी और को कत्ल कर दे वो बड़ा गुनाहगार है।

कत्ल सबसे बड़े गुनाहों में शामिल है। अल्लाह फरमाता है अगर कोई तुम्हारे साथ गलत करे तो उसे माफ करो। यही नबी पाक (ﷺ) भी फरमाते है की माफ करने की आदत डालो। अल्लाह के नबी (ﷺ) फरमाते है माफ करने वाली की इज्जत काम नहीं होती। और अगर इजत काम हो जाए तो मुझसे मांग लेना। सुभान अल्लाह

अल्लाह पाक तुम्हारे साबर को जाया नही होने देता है। बेशक सबर अल्लाह को बोहोत पसंद है। अल्लाह ने हमे सबर का हुक्म दिया है। ये भी कहा है जादति हो तो तुम्हें आवाज उठाने का हुक्म है। पर अल्लाह सबर करने वाला मेरे करीब यानि अल्लाह के करीब है।

और किसी को भी ये हक नही की वो सजा-ए-मौत दे अल्लाह खुद मालिक ए जहान है। हम उसके गुलाम है। व्ही हर चीज का फैसला करने वाला है।अल्लाह फरमाता है की सबसे बड़े गुनाहगार तुम हो अगर तुमने अपने ही भाईयो का कत्ल किया। बेशक हम सब आदम की औलादें है। और हम आपस मे भाई है।

और अल्लाह कहता है हमने तुम्हे सबको इसलिए पैदा किया की तुम खुद को तन्हा न समझो। और तुम एक दूसरों को मार के खत्म करना चाहते हो। और हमने तुम्हें इबादत के लिए पैदा किया है। तो एक दूसरे को इबादत के लिए आगे करो ना की कत्ल।

2. झूठी गवाही देना।

अल्लाह पाक उन लोगो से सबसे ज्यादा नफ़रत करता है जो लोग किसी और को झूठ में फसा देते है।बोहोत बड़ा गुनाह है झूठी गवाही देना। अल्लाह बोहोत नफरत कर्ता हैं झूठ बोलने वालो से।

और खासकर उन झूठों से को दूसरो को तकलीफ पहुंचने के लिए झूठ बोलते है।

इसलिए हमेशा सच्ची बात करनी चाहिए। और आज कल मुसलमान पैसे के लिए अपने खुदा को भूल जाते है और गवाही दे आते है।

चंद रुपए के लिए। उन रुपए के लिए जो काम के है ही नही। और क्या मुंह दिखाओगे अल्लाह राबुल इज्जत को जब वो सवाल करेंगे की तुमने बे गुनाह को फसा दिया उन रुपए के लिए जिनका कोई मोल नहीं है।
अल्लाह पूछेंगा कहा है तेरे वो रुपए। जो उस दिन तूने झूठ बोलकर बनाए थे।

3. मां बाप की नाफरमानी

आज कल तो बच्चे मां बाप को गाली देते है। हमारे नबी पाक (ﷺ) अपनी मां के लिए नफिल नमाजे तोड़ कर भागा करते थे। जब उनकी मां बुलाती थी। मैंने ये नहीं कहा की फर्ज नमाज़ नफील नमाज़। क्यू की फर्ज नमाज़ सिर्फ अल्लाह जान बचाने के लिए तोड़ने कहता है।

जब नबी भागा करते थे तो हम क्यों नही। हम क्यों नही। मां बाप के काम सुनते है। हम क्यों नफरमान हो जाते है। कुछ कमबख्त तो इतने जालिम हो जाते है की घर के बाहर फेंक देते है। अब बुढ़े मां बाप काम कोई नही आने वाले है न। पर जन्नत का दरवाजा जन्नत मे ले जाने वालों को तुम बाहर फेक रहे हो।

किसके लिए उस बीवी के लिए जिसकी मोहिब्बत का कोई भरोसा नहीं। पर वो बीवी भी जाहनमी तुम भि जाहनमी और ये भी जान लो कयामत के दिनों मे हिसाब होंग तो म कहेंगी ये मेरा दुनिया मे बेटा था पर मेरा मुजरिम आज है। बाप भी कहेंगा बेटा था मुजरिम आज हैं।

उस मां ने जिसने तुम्हे 9 महीने पेट में रखा तकलीफ सहन की उसको एक नई औरत के घर से बाहर छोड़ दिया। म सवाल करेंगी बाप भी सवाल कारेंगा। जवाब तुम्हारे पास न होंग। फैसला तुम्हे जाहनुम ले जाएंग।

4. अल्लाह को किसी के साथ शरीक करना

दुनिया में एक ऐसी भी जात है। जो सिर्फ एक है। खुदा एक है। दूसरा हो नही सकता मुमकिन नही है। और कुछ आदम की औलादों में ऐसी भी औलादें आई है। जो उसके सिवा भी दूसरो को पूजते है।

और अल्लाह के अलावा किसी और को पूजना हराम है। गुनाहे अजीम है। जिस परवर दिगार ने तुम्हे बनाया तुम उसको छोड़ कर दूसरे को पूजते हो। उसकी नाफरमानी करते हो। उसके अहेसान भूल गए। जो उसने तुम पर किए। बेशक उसके सिवा माबुद नहीं।

उसने तुम्हें हर चीज से नवाजा। और ये गुनाह मत करना। किसी के साथ शरीक अपने रब को मत करना। वही तुम्हारी आखिरात है।

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